ओ-पत्थरों-के-देश-तुमने-मुझे-पत्थर-उठाने-पर-मजबूर-किया

Kolhapur, Maharashtra

Feb 22, 2018

ओ पत्थरों के देश: ‘तुमने मुझे पत्थर उठाने पर मजबूर किया’

यही उस कविता का शीर्षक है जिसे सुयश कांबले ने इस वर्ष 1 जनवरी को भीमा कोरेगांव में हिंसा देखने के बाद नाराज़गी और पीड़ा में लिखी थी. कोल्हापूर ज़िले के शिरदवाड गांव का यह 20 वर्षीय दलित कवि एक पत्रकार बनना चाहता है, क्योंकि उसके मुताबिक़, ‘...एक अच्छा पत्रकार कभी चुप नहीं रहेगा’

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Author

Sanket Jain

संकेत जैन, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहने वाले पत्रकार हैं. वह पारी के साल 2022 के सीनियर फेलो हैं, और पूर्व में साल 2019 के फेलो रह चुके हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।