बाज़ार-में-अब-बुनकरों-की-कोई-पूछ-नहीं

Kolhapur, Maharashtra

May 30, 2023

बाज़ार में अब बुनकरों की कोई पूछ नहीं

पारी के वॉलंटियर संकेत जैन का लक्ष्य भारत के 300 गांवों की यात्रा करना और वहां से स्टोरी करना है. यह ख़ास फ़ीचर भी उसी शृंखला के तहत किया गया है, जिसमें ग्रामीण परिवेश की एक तस्वीर के साथ ही उस तस्वीर का स्केच भी प्रस्तुत किया गया है. पारी उस शृंखला की नौवीं स्टोरी लेकर आया है. पूरी तस्वीर या स्केच को देखने के लिए स्लाइडर को दाईं या बाईं ओर ले जाएं

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Author

Sanket Jain

संकेत जैन, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहने वाले पत्रकार हैं. वह पारी के साल 2022 के सीनियर फेलो हैं, और पूर्व में साल 2019 के फेलो रह चुके हैं.

Editors

P. Sainath

पी. साईनाथ, पीपल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक हैं. वह दशकों से ग्रामीण भारत की समस्याओं की रिपोर्टिंग करते रहे हैं और उन्होंने ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ तथा 'द लास्ट हीरोज़: फ़ुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम' नामक किताबें भी लिखी हैं.

Editors

Sharmila Joshi

शर्मिला जोशी, पूर्व में पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के लिए बतौर कार्यकारी संपादक काम कर चुकी हैं. वह एक लेखक व रिसर्चर हैं और कई दफ़ा शिक्षक की भूमिका में भी होती हैं.

Translator

Ankit Maurya

अंकित मौर्य एक डेवलपमेंट प्रैक्टिशनर, शिक्षक और अनुभवी डिज़ाइनर हैं. उन्होंने पत्रकारिता और शिक्षा के क्षेत्र की पढ़ाई की है, और उनकी बाल साहित्य में काफ़ी दिलचस्पी है.