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Thiruvallur , Tamil Nadu

Dec 19, 2025

‘समाज मुझ जैसी औरतों की मेहनत का सम्मान नहीं करता’

एक युवा छात्र तमिलनाडु के तिरुवल्लूर ज़िले में सड़क पर घूमकर सब्ज़ियां बेचने वाली एक महिला अमुलु की कहानी को तस्वीरों के ज़रिए सामने लेकर आई है. भीषण गर्मी और ज़िंदगी की दूसरी कठोर सच्चाइयों से जूझते हुए अमुलु अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है

Photo Editor

M. Palani Kumar

Translator

Pratima

Author and Photographer

Hairunisha K.

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Author and Photographer

Hairunisha K.

हाइरुन्निशा एक स्वतंत्र फ़ोटो जर्नलिस्ट हैं और जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स की पढ़ाई कर रही हैं. वह पीपल्स फ़ोटोग्राफ़र्स कलेक्टिव की सदस्य हैं और पारी के लिए तमिल भाषा की सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर के तौर पर काम करती हैं.

Editor

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.

Photo Editor

M. Palani Kumar

एम. पलनी कुमार पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के स्टाफ़ फोटोग्राफर हैं. वह अपनी फ़ोटोग्राफ़ी के माध्यम से मेहनतकश महिलाओं और शोषित समुदायों के जीवन को रेखांकित करने में दिलचस्पी रखते हैं. पलनी को साल 2021 का एम्प्लीफ़ाई ग्रांट और 2020 का सम्यक दृष्टि तथा फ़ोटो साउथ एशिया ग्रांट मिल चुका है. साल 2022 में उन्हें पहले दयानिता सिंह-पारी डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफी पुरस्कार से नवाज़ा गया था. पलनी फ़िल्म-निर्माता दिव्य भारती की तमिल डॉक्यूमेंट्री ‘ककूस (शौचालय)' के सिनेमेटोग्राफ़र भी थे. यह डॉक्यूमेंट्री तमिलनाडु में हाथ से मैला साफ़ करने की प्रथा को उजागर करने के उद्देश्य से बनाई गई थी.

Translator

Pratima

प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.